आखिर प्रकृति इस लॉक डाउन के ज़रिये  हमे क्या सन्देश देना चाह रही हैं ?

आखिर प्रकृति इस लॉक डाउन के ज़रिये हमे क्या सन्देश देना चाह रही हैं ?

आखिर प्रकृति इस लॉक डाउन के ज़रिये हमे क्या सन्देश देना चाह रही हैं ?

कोरोना महामारी ने सिर्फ़ हमारे देश को ही नहीं पूरे संसार  को अपने प्रकोप में ले लिया हैं। पूरे दुनिया में फैलने वाली इस जानलेवा बीमारी से सभी ने ये सीखा की इसको रोके जाने का एक ही तरीक़ा हैं - “सोशल डिस्टेंसिंग”। पूरे देश को लाक्डाउन में आना पड़ा हैं, सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग को मान रहे हैं। २१ दिन से चल रही यह प्रक्रिया को १८ दिन और बढ़ा   दिया गया हैं।

हमें मालूम हैं सबसे ज़्यादा दिलचस्पी  सबकी यह जान ने में हैं की  आख़िर लोग इस समय में अपने घर में कर क्या रहे हैं। हर इंसान अपना समय व्यतीत  करने के लिए घर पर कुछ ना कुछ योजनाएँ  ढूँड ही रहा हैं। कोई घर पर रोज़ खाना बना रहा है, तो कोई सफ़ाई की भागेदारी सम्भाल रहा हैं। कोई फ़िल्में  देख रहा हैं जो उन्हें अपनी रोज़ की ज़िंदगी में देखने का समय ही नहीं मिलता था। अपने हर दिन के कार्यरत सारणी  में सभी लोग अपने परिवार को इतना समय नहीं दे पाते थे, इस लॉकडाउन में परिवार के लोग भी एक दूसरे के बारे में और जान पा रहे हैं।

इस महामारी के आने से सभी को यह भी मालूम पड़ा हैं की प्रकृति ने अपने तरीक़े से हम सब मानवजात को यह बताना चाहा हैं की वक़्त आ गया हैं क़ी हर एक मनुष्य को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। जिस तरह से अपने फ़ायदे के लिए हम सभी प्रकृति को नुक़सान पहुँचा रहे हैं, उस हिसाब से आने वाले समय में हमरी पीडी को बहुत मुश्किलात का सामना करना पद सकता हैं। अगर हम अब नहीं माने तो प्रकृति को ख़ुद ही इसकी बागडोर सम्भालनी पड़ेगी। इस लॉकडाउन के बीच आसमान काफ़ी साफ़ और हर दिन तारे देखने को भी मिल रहे हैं।  प्रकृति अपने ही ढंग से अपने आप को वास्तविक रूप में वापस ला रही हैं।

इस महामारी ने सबको एक बहुत ही ज़रूरी चीज़ और सिखाई हैं वो हैं - सफाई  और स्वछता से रहना। कैसे अपने हाथो को हर बार बाहर से घर आने पर अच्छे  से धोना चाहिए, कैसे मास्क लगाकर  हम बाहर हर दिन चल रही अनेक बीमारियों  से बच सकते हैं। इस पंक्ति में अब कोई दो राय नहीं बची हैं की शरीर का स्वास्थ और उसकी  स्वछता से बड़ा कुछ नहीं हैं।

जहाँ हम सभी बड़ी बड़ी लड़ाईयों से जीत कर पार आ जाते हैं, वही कोरोना से भी विजय प्राप्त कर ज़रूर जल्दी ही बाहर आएँगे। पर असली विजय तब होगी जब लोग ने जो अब अच्छी आदतें बनाई हैं, उसको अब आगे भी निभाते रहे।अपने और अपने वातावरण के स्वास्थ और स्वछता का ध्यान दे और लॉक डाउन खुलने के बाद भी कुछ हफ़्ते बाहर निकालने से परेज़  करे और बहुत ही आवश्यक कारण हो तभी घर से निकले। किसी ने सही कहा हैं “जान हैं तो जहान  हैं”।

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