थलाइवा सुपरस्टार रजनी की 'दरबार' एक मसाला एंटरटेनर फिल्म है।

थलाइवा सुपरस्टार रजनी की 'दरबार' एक मसाला एंटरटेनर फिल्म है।

थलाइवा सुपरस्टार रजनी की 'दरबार' एक मसाला एंटरटेनर फिल्म है।

फिल्म रिव्यु - दरबार

डायरेक्टर - ए आर मुरुगादॉस

मेन  कास्ट - रंजीकान्त, नयनतारा

फिल्म जॉनर - एक्शन

हमारी रेटिंग - 2.5 स्टार

निर्देशक ए आर मुरुगादॉस की फिल्म ‘दरबार’ रिलीज हो चुकी है। इसमें रजनीकांत को एक गुस्सैल पुलिसवाला दिखाया गया है, जिसका नाम आदित्य अरुणासलम होता है। सुपरस्टार रजनी की यह फिल्म 'दरबार' एक मसाला एंटरटेनर है। कहानी रजनीकांत के ईर्द-गिर्द घूमती दिखाई देती है।

कहानी

आदित्य अरुणासलम (रजनीकांत) को मुंबई एक स्पेशल ऑपरेशन के लिए भेजा जाता है। जहां जाकर उन्हें शहर के उन ड्रग डीलर्स को पकड़ना होता है जो ड्रग सप्लाई करते हैं। फिल्म की शुरुआत, कई मर्डर और एंकाउंटर के साथ होती है। साथ ही कई अखबारों की हेडलाइन भी दिखाई जाती है जिसमें आदित्य को ‘खूनी’ और एक ऐसा पुलिसवाला कहा जाता है जिसके काम करने का कोई एथिक्स नहीं होता।

ऑपरेशन के दौरान आदित्य, अजय मल्होत्रा (प्रतीक बब्बर) की खोज करते हैं, जो शहर का मुख्य ड्रग सप्लायर होता है। अजय मल्होत्रा, मुंबई के एक बहुत बड़े बिजनेसमेन का बेटा होता है। जब आदित्य, अजय की खोज कर रहे होते हैं और उन्हें पकड़ने का प्लान बना रहे होते हैं तो अचानक शहर के गैंगस्टर हरी चोपड़ा ( सुनील शेट्टी) की एंट्री होती है। जो आदित्य को चैलेंज करते हैं अजय को जल्द पकड़ने के लिए, और धमकी देते हैं कि अगर उन्होंने जल्दी ऐसा नहीं किया तो वे मुंबई के पुलिसवालों की एक-एक करके जान ले लेंगे।

परफॉर्मेंस और खामियां।

फिल्म में कई खामियां भी हैं। पहले हाफ में आप केवल रजनीकांत को देखेंगे, स्क्रीन पर इन्होंने धमाल मचाया है। स्लो वॉक और चश्मे के साथ एक्शन से लेकर रजनीकांत ने अपने लुक से दर्शकों का दिल जीता है। फिल्म में नयनतारा को बहुत कम स्क्रीन स्पेस दिया गया है, और उनका किरदार भी ऐसा है जो शायद अनदेखा रह जाए। गैंगस्टर हरी चोपड़ा का किरदार काफी क्रूर दिखाया गया है। निवेथा थोमस को अच्छा खासा स्क्रीन स्पेस दिया गया है, और रजनीकांत संग इनके सीन काफी मजेदार दिखाए हैं।

अगर बात करे फिल्म कि संगीत की तो संगीतकार अनिरुद्ध रविचंदर के गाने सफल नहीं हुए हैं। 'चुम्मा किजी' के अलावा कोई भी गाना स्क्रीन पर अच्छा काम नहीं करता है।फिल्म की बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है ये बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के मिजाज को बढ़ाता है।

बेहरहाल रजनीकांत के फैंस इस फिल्म को एक एंटरटेनर की तरह देख सकते हैं। मुरुगादॉस की फिल्म में हीरो कभी-भी रूल बुक फॉलो नहीं करता है। लेकिन अपने काम से एक्टर्स दर्शकों के दिल में अपनी जगह बनाएं, ये जरूर होता है।

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